अभावों में पलकर मेहनत से पाया मुकाम

http://www.rabarisamaj.in/ जालोर. अगर इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो अभावों के बीच पल कर भी वह अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है। जिले के एक ऐसे ही शख्स ने गरीबी में पलकर मजदूरी करके विषम पारिवारिक परिस्थितियों का सामने करते हुए अपना लक्ष्य हासिल कर ही लिया

IRS- Bholaram Dewasiहम बात कर रहे जिले के सांथू गांव में एक पशुपालक परिवार में जन्मे भोलाराम देवासी की। देवासी वर्तमान में कोलकाता में आयकर विभाग में उपायुक्त है। देवासी के जन्म के समय इनके पिता अमराराम देवासी कमठा मजदूर थे। वे दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। भोलाराम जब आठ साल के थे, उस समय इनकी माता का भी देहांत हो गया। माता के देहांत के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। बचपन में सरकारी स्कूल में तालीम हासिल की। स्कूल की छुट्टी होने के बाद अपने पिता के साथ हाथ बंटाने जाते थे। दसवीं तक की पढ़ाई अपने गांव में ही की। वहीं बारहवीं गांव केे निकट बागरा कस्बे से की। इसके बाद बीएसटीसी की। बीएसटीसी के बाद पैराटीचर के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की। वर्ष 2002  से 2004  तक पैराटीचर रहे। इसके बाद 2005  में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में चयनित हुए। इस दौरान इन्होंने पत्राचार से स्नातक व राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वर्ष 2007  में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 64  वीं रैंक पर चयन हुआ था, लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में चयन होने पर इन्होंने आरएएस ज्वाइन नहीं किया और पूरी मेहनत आईएएस परीक्षा की तैयारी में लगा दी। वर्ष 2007  व 2008  में इनका भारतीय प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा में तो चयन हो गया, लेकिन साक्षात्कार में अंतिम चयन नहीं हो पाया। फिर भी देवासी ने हिम्मत नहीं हारी। वर्ष 2009  में फिर से ये भारतीय प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होकर पूरी तैयारी के साथ साक्षात्कार तक पहुंचे। आखिर देवासी की मेहनत रंग लाई और 3 9 6 वीं रैंक पर इनका चयन हो गया। चयनोपरांत इन्हें आयकर विभाग मिला। नागपुर में प्रशिक्षण के बाद प्रथम पोस्टिंग 2012  में आयकर विभाग के सहायक आयुक्त पद पर हुई। हाल ही में देवासी उपायुक्त पद पर पदोन्नत हुए है। देवासी ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को अभाव व गरीबी से नहीं घबराना चाहिए। मुसीबतों का डटकर मुकाबला करना चाहिए। पूरी लगन से मेहनत करने पर सफलता जरूर मिलती है।



रिपोर्ट- नैनसिंह राजपुरोहित

स्वामी विवेकानंद जयन्ति पर युवाओं के लिए विशेष --

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विवेकानंद जी का नाम आते ही युवाओं में स्वत: ही प्रेरणा का संचार हो उठता है ।ऐसे ही एक युवा जिनको विवेकानंद जयंति पर स्मरण कीये बिना रह नहीं पाता, जिनके नाम मात्र से युवाओं में प्रेरणा का अंकुर फुटने लगता है ।
वो नाम है -- भोलाराम देवासी --
(Deputy Director - Income tax (Investigation _ Kolkata)
Shri. Bholaram Dewasiउनका जन्म जालोर जिले के छोटे से गांव सांथू में अमराराम जी के घर हुआ ।मां का बचपन में ही देहांत हो गया था, माँ के देहांत होने के बाद पिता श्री ने ही इनका बखूबी लालन-पालन किया। उनका जन्म ऐसी कौम मे हुआ, जहां शिक्षा का दुर-दुर कोई वास्ता नही होता था व शिक्षा का स्तर अत्यंत निम्न होता है । लेकिन उस कौम के रक्त में संघर्ष कुट-कुटकर भरा होता है । भोलाराम जी ने बचपन से ही कुछ अलग करने की ठान ली थी । उनके दिल में संघर्ष को नया पथ देने की तमन्ना थी । बचपन से हमेशा पढाई में उव्वल रहें ।उन्होंने माध्यमिक शिक्षा गांव के ही सेकेंडरी स्कूल से (1996 ),सीनियर सेकेंडरी पास के गांव बागरा से विज्ञानं (bio ) (1998)से की। तत्पश्चात BSTC जालोर डाइट से (2001 ) 2002 से 2005 तक पैरा टीचर के रूप में धवला गांव में सेवा दी। कॉलेज शिक्षा प्राइवेट स्तर पर हुई । 2005 -2010 में थर्ड ग्रेड टीचर के रूप में केशव नगर भागली सिंधलान में सेवा दी। 2007 में राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 64 वी रैंक प्राप्त की। आईएएस में लगातार 2007 से 2010 तक यानि चार बार साक्षात्कार तक पहुंचे। उनका 2009 व 2010 में दो बार चयन हुआ। 2009 की आईएएस परीक्षा से भारतीय राजस्व सेवा में चयनित हुए। दो साल के राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी ,नागपुर में प्रशिक्षण के बाद 2012 कोलकाता में सहायक आयकर आयुक्त के पद पर नियुक्ति हुए। वे अभावों में रहते हुए भी कभी निराश नही हुए । लक्ष्य के प्रति एकनिष्ठ होने के कारण सफलता निरन्तर कदम चुमती रही । दृढ संकल्प व मजबुत इच्छा शक्ति के सामने लक्ष्य बौना होता गया ।

उन्होने सम्पूर्ण तैयारी जालोर के देवासी छात्रावास में रहकर की जहां वे सभी के लिए हमेशा प्रेरणादायक रहे। उनका आईएएस एग्जाम में सब्जेक्ट पोलिटिकल साइंस व हिस्ट्री रहा। उनके छोटे भाई ने भी उनसे प्रेरणा लेते हुए हमेशा संघर्ष कीया छोटे भाई राजनीति विज्ञान के स्कुल व्याख्याता है । उनकी सफलता ने जालोर जिले के युवाओं में उत्साह का नया जोश भर दिया। जालोर जिला शिक्षा मे हमेशा पिछडा बना रहा लेकिन देवासी जी की सफलता के बाद कई सुसुप्त प्रतिभा नये अवतार में सामने आई। उनकी सफलता प्रतिकुलता को भी अनुकुलता बना देने की प्रेरणा देती है। उनकी सफलता गरीबी में पल रही प्रतिभाओ के लिए प्रेरणा का Silent Message शाबित हुई । ये प्रेरणा जालोर से निरन्तर सैंकडो भोलाराम तैयार करती रहेगी।
उनके संघर्ष को मेरा सलाम ।
-- "संदीप राईका " --