ऊंटनी के बच्चे के जन्म पर पशुपालक को मिलेंगे दस हजार रूपये
ON THE BIRTH OF THE CHILD OF THE CAMEL, THE CATTLE OWNER WILL GET TEN THOUSAND RUPEES
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जालोर. राज्य पशु घोषित करने के बाद अब पहली बार ऊंट को लेकर राज्य सरकार पशुपालकों के लिए लाभदायक कदम उठाने जा रही है। पशुपालकों के लिए यह खुशखबर है। ऊंट प्रजाति को बचाने के लिए प्रयास में जुटी सरकार अब ऊंटनी के बच्चा होने पर भी पशुपालक को दस हजार रुपए सहायता राशि देगी। यह राशि तीन किस्तों में दी जाएगी। शुक्रवार को जिला परिषद के सभा कक्ष में कृषि विभाग की ओर से जालोर, पाली एवं सिरोही जिले के चिह्नित प्रगतिशील किसानों की बैठक में पशुपालन विभाग के सचिव व जिले के प्रभारी सचिव कुंजीलाल मीना की ने इस सम्बंध में जानकारी दी।
ऊंटों की नस्ल सुधार के होंगे प्रयास प्रदेश सरकार की ओर से ऊंटों की नस्ल सुधार को लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं। मीना ने बताया कि सरकार ने ऊंटों की नस्ल को बढ़ावा देने की दृष्टि से एक अभिनव योजना प्रारम्भ की है। जिसमें ऊंटनी के बच्चा होने पर सम्बन्धित पशुपालक को 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। ताकि ऊंटनी के पालन पोषण का खर्चा पशुपालक पर बोझ न बने। उन्होंने बताया कि आधुनिक उपकरणों के चलते ऊंट-ऊंटनी का उपयोग कम हो गया है। इसके संरक्षण के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं।
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सचिव मीणा ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से अब हर जिले में नंदी गोशाला खोलने की कवायद शुरू की गई है। यह प्रयास सफल रहने के बाद तहसील स्तर पर भी नंदी गोशाला खोलने को लेकर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले में एक नन्दी गोशाला बनाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गायों पर अनुसंधान भी कर रही है। जिसके भविष्य में सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पशु बीमा योजना प्रारम्भ की है। जिसमें गाय, भैंस, ऊंट, घोड़े, गधा व बकरी आदि पशुओं का बीमा किया जाएगा। ऐसे में छोटे पशुपालक पशुपालन विभाग के माध्यम से अपना पशुओं का बीमा करवा सकते हैं।
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