God will save the honor of the brave daughter

55 फीट गहरे कुएं में कूद मासूम ने 'ईश्वरको बचाया

वीरता भरी बहिन मंजू आपके हौशलों को नमन

धन्य आपको जन्म देने वाले माता -पिता जिन्होंने आप जैसे वीर पुत्री को जन्म दिया हैं ,
बाड़मेर :- बहादुर बहन भाई को पाताल में जाकर बचा लाई। सुनने-समझने में अविश्वसनीय लगने वाली इस बात को बाड़मेर जिले के निकटवर्ती गांव उण्डखा में मोटाराम की ढाणी 13 वर्षीया मंजू राईका की बहादुरी ने साकार कर दिया। खेल-खेल में 55 फीट गहरे कुएं में गिरे साढ़े चार वर्षीय इकलौते भाई का नाम ईश्वर को बचाने के लिए बहन मंजू कुएं में कूद गई और भाई को बचाने में कामयाब हो गई। मोटाराम की ढाणी निवासी अमराराम की लड़कियां व एक लड़का मंगलवार दोपहर कुएं के पास खेल रहे थे। अचानक ईश्वर कुएं में गिर गया। बड़ी बहन मंजू ने भाई को कुएं में गिरते देख बचाने के लिए कुएं में छलांग लगा दी। कुएं में करीब पांच फीट पानी था।
Manju Raika Badmerनाक के नीचे पानी भाई को कंधों पर बिठाकर मंजू तनकर पानी में खड़ी हो गई। दोनों हाथ कुएं की दीवारों से सटा दिए। फिर जोर-जोर से चिल्लाई। कुएं के मुंडेर के पास आई बहनों को बताया कि उसने भाई को बचा लिया है। अब उन्हें बाहर निकालो।
शोर सुनकर आस-पड़ोस के लोग कुएं पर पहुंच गए। ग्रामीणों ने रस्सी के सहारे कुएं में घुसकर दोनों भाई-बहन को बाहर निकाला। परिजन दोनों को अस्पताल ले गएजहां चिकित्सकों ने उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया।एक ही तो भैया है मेरा मासूम भाई को मौत के मुंह से बचाने वाली मंजू राईका ने मासूमियत भरे लहजे में बताया कि एक ही तो भैया है मेरा।
भाऊ कुएं में गिरा तो मैं उसे बचाने के लिए कुएं में कूद गई।
मेरा भाऊ और मैं दोनों ही बच गए। छठी कक्षा में पढऩे वाली इस बहादुर बेटी ने बताया कि यह तो मैंने सोचा ही नहीं,
मुझे तो भाऊ को कुएं से बाहर लाना था। भाऊ नहीं रहता तो हम राखी किसे बांधतीं।
बहन की बहादुरी और ईश्वर के जिन्दा बचने के बारे में जिसने भी सुना, वह भाई के प्रति बहन का प्यार व बहादुरी का कायल हो गया
आभार-राजस्थान पत्रिका 16.03.2016