डीएनटी–देवासी समाज की 10% आरक्षण सहित 10 मांगों पर सरकार संग पहली महत्वपूर्ण बैठक
जयपुर, शुक्रवार। डीएनटी (घुमंतु, अर्द्ध-घुमंतू व विमुक्त जाति) और देवासी समाज की मांगों को लेकर राज्य सरकार और समाज के प्रतिनिधि मंडल के बीच पहली औपचारिक बैठक शुक्रवार को अंबेडकर भवन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, जयपुर में आयोजित हुई। बैठक दोपहर 3 बजे शुरू होकर रात करीब 8.15 बजे तक चली।
राष्ट्रीय पशुपालक संघ एवं डीएनटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष लालजी राईका के नेतृत्व में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने समाज की 10 प्रमुख मांगों को पॉवर पॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से सरकार के समक्ष रखा। मुख्य मांगों में 10% अलग आरक्षण, 10% राजनीतिक आरक्षण, आवास और पट्टों की व्यवस्था, शिक्षा व रोजगार प्रमुख रूप से शामिल थे।
आरक्षण के भीतर आरक्षण की मांग
लालजी राईका ने कहा कि डीएनटी समाज की मांग “आरक्षण के भीतर आरक्षण” की है, जिससे 50% की संवैधानिक सीमा प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने आंध्रप्रदेश मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि राजस्थान में भी ओबीसी के ग्रुप-A में डीएनटी के लिए अलग आरक्षण बनाया जा सकता है।
70–80% परिवार बिना पट्टों के
डीएनटी परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतननाथ कालबेलिया ने बैठक में बताया कि समाज के 70–80% परिवारों के पास घर या पट्टा नहीं है। प्रतिनिधिमंडल ने प्रस्ताव रखा कि भूमिहीन परिवारों को गांव में 300 गज तथा शहर में 100 गज भूमि आवंटित की जाए।
सरकार से सकारात्मक संकेत
बैठक का नेतृत्व कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने किया।
दोनों पक्ष 10% आरक्षण के लिए आयोग गठन और भूमि–पट्टा अधिकारों पर सहमत दिखे।
तय किया गया कि सभी मुद्दों पर विस्तृत अध्ययन के बाद दो माह बाद पुनः बैठक कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में मौजूद प्रमुख प्रतिनिधि
पूर्व एएसपी सेठाराम बंजारा, कपूरराम राईका, राष्ट्रीय प्रवक्ता योगाचार्य बुधाराम देवासी, ज्ञानसिंह सांसी, विधायक रतन देवासी, खेमराज देसाई, शेरसिंह आजाद (योगी), एडवोकेट शंकर गाड़िया लुहार, गीता बेन बागरिया, भीखसिंह राईका और डॉ. सुखराम देवासी सहित कई समाजबंधु मौजूद रहे।
DNT Dewasi Samaj
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