गोमती देवासी ने रबारी समाज का बढ़ाया गौरव  

बाड़मेर । दूर तलक फैली छप्पन की पहाड़ियों में अपनी रेवड़ और अपने खेतों तक सीमित रहने वाले लाल पगड़ी वाले देवासी समाज में इन दिनों एक जनप्रतिनिधि के चर्चे है और वह चर्चे समाज में पहली पढी लिखी महिला जनप्रतिनिधि के तौर पर है। बीते पंचायती राज चुनावो में बाड़मेर के जिला परिषद वार्ड 22 से विजय रहने वाली गोमती देवासी आज समाज की सबसे पढ़ी लिखी इकलौती महिला जनप्रतिनिधि है।
अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी नीतू कुमारी को 4 हजार 39 मतों से हराने वाली गोमती आज जिला परिषद में गुड़ा नाल, इंद्राणा, सिणेर, मिठौड़ा, धारणा, वेरानाड़ी, इटवाचा, पऊ, फ्रांकी, वेरानादा, पादरू और कुंडल का प्रतिनिधित्व करती है। हिन्दी साहित्य में एमए कर रही गोमती देवासी के मुताबित 16 जनवरी 2015 को चुनाव हुए थे, जिनके परिणाम 6 फरवरी 2015 को आये उसके बाद हर वक्त अपनी जनता के काम के प्रति समर्पण भाव जारी है।  
Dewasi Samaj me Mishal bani gomti dewasiदेवासी समान की पहली पढ़ी लिखी जनप्रतिनिधि होने के गौरव के सवाल पर गोमती देवासी बताती है कि पिता गंगाराम शिक्षक है और उन्होंने बेटा बेटी का फर्क नहीं रखा। बायतु में सीनियर करने के बाद बालोतरा में स्वयंपाठी के तौर पर बीए किया और फिर बाड़मेर से नर्सिंग। शादी हो जाने पर पढ़ने का मानस पति आम्बा राम को बताया और उन्होंने ने भी उनके हौसले का साथ दिया और पढ़ाई जारी रखी। पढ़ी लिखी होने के चलते ही स्थानीय समस्याओं की जानकारी हो पाई। उन समस्याओं को जिला परिषद की बैठकों में बखूबी उठा पाई। सिवाना प्रधान गरिमा राजपुरोहित से राजनीती की सीख ले रही गोमती देवासी बताती है कि इलाके में देवासी समाज में बालिकाओं की शिक्षा में तेजी से बढ़ावा आया है। अपने समाज की महिला का पहली बार जिला परिषद डेलीगेट का सफर सही में कई लोगो के लिए प्रेरणा बन रहा है।
 
इलाके में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना, मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान, अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समेत कई सरकारी योजनाओं की बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए गोमती प्रभावी मोनेटरिंग करती है। वही जनता की समस्याओं से राहत देने के लिए इलाके के दौरे भी करती है। अब तक की जिला परिषद की बैठकों में शत प्रतिशत उपस्तिथि के चलते कई योजनाओं से इलाके को लाभ मिला है। महिला जनप्रतिनिधि होने को अपनी ताकत बताने वाली गोमती की पढ़ाई लिखाई के बाद मिला जनप्रतिनिधि का ताज आज कई परिवारों को बेटी पढाओ का नारा बुलंद करता नजर आता है।
एक दिन, तीन किरदार में रहती है गोमती-बाड़मेर के बायतु में जन्मी गोमती देवासी का ससुराल गुड़ानाल आज बतौर जिला परिषद सदस्य उसकी कर्मभूमि है। गोमती यहां एक दिन में तीन अलग-अलग किरदारों में नजर आती है। सुबह 7 बजे से 1 बजे तक वह सिवाना के भगवान महावीर हॉस्पिटल में नर्स ग्रेड प्रथम के तौर पर काम करती है। एक बजे के बाद वह जनप्रतिनिधि के तौर पर जनता के बीच होती है।
वही शाम होते होते वह एक बहू और ग्रहणी के तौर पर अपने ससुराल गुड़ानाल में घर संभालती नजर आती है। 25 वर्षीय गोमती आज देवासी समाज के लिए मिशाल है और गोमती बताती है कि यह सब तभी हो पाया जब उसने पढ़ाई से राफ्ता कायम रखा। अगर वह पढ़ी लिखी नही होती तो घर के चूल्हे चौके से बाहर ही नही निकल पाती।


 सौजन्य से :- दैनिक नवज्योति